कौन हो तुम?
हिंदी कविता Hindi Kavita कौन हो तुम? Who are you?तेरी मुस्कान से है मेरी खुशी,
तेरे आँसुओं से मेरे गम,
तेरी हँसी के लिए मैं दे दूँ जां,
तेरे क्रोध से निकले मेरा दम |
कौन हो तुम?
तू शीतल वायु का झोंखा है,
तू टिप-टिप बूंदों की तरंग,
तू भोर की पहली किरण है,
तू इन्द्रधनुष के सातों रंग |
कौन हो तुम?
तू हिरणी सी चपल है,
तू मत्स्य सी नयनों वाली,
तेरी वाणी भी मधुरम है,
जैसे बसंत की वसुंधरा पे,
कोयल कूके हर डाली |
कौन हो तुम?
तू मेरी अन्नपूर्णा,
तू मेरे घर की लक्ष्मी,
तेरा क्रोध काली जैसा,
तू अम्बे तारने वाली |
कौन हो तुम?
मेरे जीवन का सार,
मेरे जीवन की परिभाषा,
तू मेरी अभिलाषा है,
मेरे जीने की अकेली आशा ||
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें