जुलाई 26, 2020

कारगिल

हिंदी कविता Hindi Kavita कारगिल Kargil

जल-मरु-गिरी पृथ्वी-आकाश,


कहीं से आए शत्रु चालाक,


भारत के वीरों के आगे,


सफल न होंगे इरादे ना-पाक ||

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राम आए हैं