एक भारतीय का परिचय
हिंदी कविता Hindi Kavita एक भारतीय का परिचय Ek Bhartiya ka parichayक्या मेरी पहचान, क्या मेरी कहानी है,
मज़हब मेरा रोटी है, नाम बेमानी है |
संघर्ष मेरा बचपन है, प्रतिस्पर्धा मेरी जवानी है,
बीमार मेरा बुढ़ापा है, जीवन परेशानी है |
पौराणिक मेरी सभ्यता है, परिचय उससे अनजानी है,
वर्तमान मेरा कोरा है, भविष्य रूहानी है |
सरहदें मेरी चौकस हैं, पड़ोसी बड़े शैतानी हैं,
गुलामी के दाग अब भी हैं, ताकत अपनी ना जानी है |
बाबू मेरे साक्षर हैं, नेता अज्ञानी हैं,
जनता मेरी भोली-भाली, सहती मनमानी है |
रंग मेरा गोरा-काला, बातें आसमानी हैं,
पहनावा मेरा विदेशी है, कृत्यों में नादानी है |
और मेरी पहचान नहीं, नम:कार मेरी निशानी है,
भारत मेरा देश है, दिल्ली राजधानी है ||
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