अक्टूबर 10, 2020

एक भारतीय का परिचय

हिंदी कविता Hindi Kavita एक भारतीय का परिचय Ek Bhartiya ka parichay

क्या मेरी पहचान, क्या मेरी कहानी है,


मज़हब मेरा रोटी है, नाम बेमानी है |



संघर्ष मेरा बचपन है, प्रतिस्पर्धा मेरी जवानी है,


बीमार मेरा बुढ़ापा है, जीवन परेशानी है |



पौराणिक मेरी सभ्यता है, परिचय उससे अनजानी है,


वर्तमान मेरा कोरा है, भविष्य रूहानी है |



सरहदें मेरी चौकस हैं, पड़ोसी बड़े शैतानी हैं,


गुलामी के दाग अब भी हैं, ताकत अपनी ना जानी है |



बाबू मेरे साक्षर हैं, नेता अज्ञानी हैं,


जनता मेरी भोली-भाली, सहती मनमानी है |



रंग मेरा गोरा-काला, बातें आसमानी हैं,


पहनावा मेरा विदेशी है, कृत्यों में नादानी है |



और मेरी पहचान नहीं, नम:कार मेरी निशानी है,


भारत मेरा देश है, दिल्ली राजधानी है ||

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

राम आए हैं