भगवान ! कहाँ है तू?
हिंदी कविता Hindi Kavita भगवान कहाँ है तू Bhagwan kahan hai tuजब निहत्थे निरपराधों को सूली पे चढ़ाया जाता है,
जब सरहद पर जवानों का रुधिर बहाया जाता है,
जब धन की ख़ातिर अपने ही बंगले को जलाया जाता है,
जब तन की ख़ातिर औरत को नज़रों में गिराया जाता है,
जब नन्हे-नन्हे बच्चों को भूखे ही सुलाया जाता है,
जब पत्थर की तेरी मूरत पर कंचन को लुटाया जाता है,
जब सच के राही को हरदम बेहद सताया जाता है,
जब गौ के पावन दूध में पानी को मिलाया जाता है,
जब तेरे नाम पर अक्सर पाखण्ड फैलाया जाता है,
जब तेरे नाम पर हिंदू-मुस्लिम को लड़ाया जाता है,
तब-तब मेरे दिल में बस एक ख्याल आता है,
तू सच में है भी या बस किस्सों में ही बताया जाता है ||
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