फूल चले जाते हैं, काँटे सदा सताते हैं
हिंदी कविता Hindi Kavita फूल चले जाते हैं Phool chale jaate hainछरहरी सी इक डाली पर घरौंदा अपना बसाते हैं,
कंटक के घेरे में भी, गुल खिलखिलाते हैं,
अपने रंगों की आभा से, उपवन को सजाते हैं,
मुरझाए मुखड़े पर भी, मुस्कान फ़ेर जाते हैं,
पर खुशियों के ये क्षण, दो पल को ही आते हैं,
फूल चले जाते हैं, काँटे सदा सताते हैं ||
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