अगस्त 14, 2021

मेरे अश्क

हिंदी कविता Hindi Kavita मेरे अश्क Mere Ashk

मैं बरखा में निकलता हूँ, मन का सुकून पाने को,


अपने अश्कों को बारिश की, बूँदों में छिपाने को ||

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