अक्टूबर 02, 2021

गाँधीजी एवं शास्त्रीजी की स्मृति में श्रद्धासुमन

हिंदी कविता Hindi Kavita गाँधीजी एवं शास्त्रीजी की स्मृति में श्रद्धासुमन Gandhiji evam Shastriji kee smriti mein Shradhasuman

ओ मेरे मोहन के दास,


सम्पूर्ण भारत की आस,


करता हूँ तुझसे अरदास,


फ़िर से आजा अब तू पास,


सिखला दे पुन: इक बार,


सत्य और अहिंसा है खास,


थाम के लकड़ी का वह बाँस,


जगा फ़िर जग में विश्वास |



ओ मेरे भारत के लाल,


तू तो था बहादुर कमाल,


नित्य तैरा सरिता विशाल,


शिक्षा में निष्ठा की मिसाल,


सिखला दे पुन: इक बार,


कृषक और सैनिक हैं ढाल,


तन पर सादी खादी डाल,


फ़िर कर राष्ट्र का ऊँचा भाल ||

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