मई 28, 2022

गर्मी का Lockdown

हिंदी कविता Hindi Kavita गर्मी का Lockdown Garmi ka Lockdown

सड़कें सारी कोरी हैं, घर में भी तुम झुलसाते हो,


दिन तक तो ठीक है, रातों को भी गरमाते हो,


कोरोना अब कम है, फ़िर भी Lockdown लगवाते हो,


सूरज दादा बोलो तुम, सर्दी में क्यों नहीं आते हो ??

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

राम आए हैं