सितंबर 16, 2022

रस्ते पर गिरा पेड़

हिंदी कविता Hindi Kavita रस्ते पर गिरा पेड़ Raste par gira ped

वो सड़क जो दो दिलों को जोड़ती थी,


प्रेम की धरा पे जो दौड़ती थी,


आज दो भागों में वो बंट चुकी है,


मौजूद है वहीं मगर कट चुकी है,


अहं का वृक्ष मार्ग पर गिर चुका है,


भावों का आवागमन थम चुका है,


कोई इस तरु को राह से सरकाए,


दो दिलों की दूरियों को भर जाए ?

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राम आए हैं