जुलाई 22, 2023

खुशियों के छींटे

हिंदी कविता Hindi Kavita खुशियों के छींटे Khushiyon ke Cheente

कभी अंधेरी रात में,

बादल बिन आकाश में,

सर को उठाकर देखा है ?


काले-कोरे से कैनवस पर,

कुछ उजले-उजले छींटे हैं,

मानो बैठा कोई चित्रकार,

रंगते-रंगते उजला संसार,

रचना अधूरी भूल गया !

निराशा के अनन्त अंधियारे में,

खुशियों के रंग भरने थे,

लेकिन बस छींटे छोड़ गया |


काली अंधेरी रात में,

बस छींटों के प्रकाश में,

तिमिर को साथी मानकर,

अस्तित्व का अवयव जानकर,

बेफ़िक्र बढ़ता जाता हूँ |||

जुलाई 04, 2023

बहुत दिनों बाद

हिंदी कविता Hindi Kavita बहुत दिनों बाद Bahut Dino Baad

बहुत दिनों बाद ऐसी सुबह आई है,


ना रंज है, ना गम है, ना रुसवाई है,


काली लंबी अंधेरी रात हमने बिताई है,


आशा की तपन ने हर पीड़ा मिटाई है ||

राम आए हैं