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फ़रवरी 23, 2023
अश्क
अपने अश्कों को जानम,
तुम यूँ ही ना बहने दो,
ये अनमोल मोती हैं,
नयन सागर में रहने दो ||
उम्मीद
गलती मेरी थी जो मैंने तुझसे कुछ उम्मीद की,
उसको पूरा करने की तुझसे मैंने ताकीद की ||
वो पहला पहला प्यार
वो पहला-पहला प्यार,
वो छुप-छुप के दीदार,
वो मन ही मन इकरार,
वो कहने के विचार,
वो सकुचाना हर बार,
फिर आजीवन इंतज़ार ||
फ़रवरी 01, 2023
नज़रें
लब चाहे कुछ भी ना बोलें,
नज़रें सबकुछ कह देती हैं,
दिल के राज़ भले ना खोलें,
आँखें दर्द बयाँ करती हैं ||
सितंबर 16, 2022
रस्ते पर गिरा पेड़
वो सड़क जो दो दिलों को जोड़ती थी,
प्रेम की धरा पे जो दौड़ती थी,
आज दो भागों में वो बंट चुकी है,
मौजूद है वहीं मगर कट चुकी है,
अहं का वृक्ष मार्ग पर गिर चुका है,
भावों का आवागमन थम चुका है,
कोई इस तरु को राह से सरकाए,
दो दिलों की दूरियों को भर जाए ?
जून 27, 2022
बरसात की इक रात
बरसात की इस रात में हम आपका इंतज़ार करते हैं,
आपकी याद में दोस्तों से तकरार करते हैं,
तुम हमारी थी, हमारी हो, हमारी ही रहोगी,
पर हमें पता है, यह तुम कभी ना कहोगी,
इस दर्द भरी दुनिया में तुम्हारा साथ चाहते हैं,
पर ज़रूरत पड़ने पर खुद को अकेला ही पाते हैं,
दिल चीर के देख लो तुम्हारा नाम लिखा है,
प्यार क्या होता है तुमसे ही सीखा है,
हमारे दिल का हाल तुम नहीं जानती हो,
हमें सिर्फ़ हमारे चेहरे से पहचानती हो,
बरसात की इस रात में आज हम इकरार करते हैं,
हम कबूलते हैं कि हम तुमसे प्यार करते हैं,
हम कबूलते हैं कि हम तुमसे प्यार करते हैं ||
दिसंबर 27, 2021
पहला प्यार
वो पहला-पहला प्यार,
वो छुप-छुप के दीदार,
वो मन ही मन इकरार,
वो कहने के विचार,
वो सकुचाना हर बार,
फिर आजीवन इंतज़ार ||
जून 18, 2021
मुझको मंज़ूर नहीं
धन के बल पर ग्रह का दोहन,
और अतिरेक मानवों का शोषण,
जन से जन का यह विभाजन,
मुझको मंज़ूर नहीं |
बढ़ना जीवनपथ पर तनहा,
परस्पर बैरी, कटुता, घृणा,
मन से मन का यह विभाजन,
मुझको मंज़ूर नहीं |
इकतरफ़ा चाहत की सनक,
अप्राप्य को पाने की तड़प,
सच से मन का यह विभाजन,
मुझको मंज़ूर नहीं |
कट्टरता का विषपूर्ण भुजंग,
अपने ही मत में मदहोश मलंग,
बुद्धि से नर का यह विभाजन,
मुझको मंज़ूर नहीं |
स्त्री की इच्छाओं का दमन,
पुरुष का नाजायज़ अहम,
नर से नारी का यह विभाजन,
मुझको मंज़ूर नहीं |
अलग ही दुनिया में जीना,
संग होकर संग में ना होना,
तुम से मेरा यह विभाजन,
मुझको मंज़ूर नहीं ||
जून 13, 2021
अधूरा प्यार
लब पर तेरे मेरा नाम नहीं आता है,
जो मैं पुकारूँ फिर भी तेरा पैगाम नहीं आता है,
जग के समक्ष मुझको तू जब-जब बदनाम करती है,
जानता हूँ दिल-ही-दिल में आह भरती है,
दस्तूर दुनिया का बदल सकते नहीं हैं हम,
इक-दूजे संग चाहकर भी जी सकते नहीं हैं हम ||
मार्च 21, 2021
नुक्कड़
गली के नुक्कड़ पर रोज़,
उनके रूबरू आता हूँ |
फासले इतने हैं मगर ,
कुछ भी कह ना पाता हूँ ||
फ़रवरी 18, 2021
टूटा दिल
गलती मेरी थी जो मैंने तुझसे कुछ उम्मीद की,
उसको पूरा करने की तुझसे मैंने ताकीद की ||
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