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मई 14, 2023
मार्च 08, 2023
नारी के नाना रंग
कभी शक्ति का रंग,
कभी सेवा का,
कभी भगिनी का रंग,
कभी भार्या का,
कभी सुता का,
कभी माता का,
कभी प्रेम का,
कभी क्रोध का,
कभी जीत का,
कभी हार का,
कभी धीरज का,
कभी बेसब्री का,
कभी आज़ादी का,
कभी दासता का,
कभी देवी का,
कभी मजबूरी का,
होली में उल्लास के उड़ते नाना रंगों से भी,
ज़्यादा रंगों से रंगा अस्तित्व है नारी का |||
फ़रवरी 03, 2023
तेरी मुस्कान
सहस्त्र पुष्पों से सुंदर है,
तेरी मुस्कान |
बरखा की बूंदों सी निर्मल है,
तेरी मुस्कान |
कभी संकट का बिगुल है,
तेरी मुस्कान |
कभी खुशियों की लहर है,
तेरी मुस्कान |
नन्हे बालक सी चंचल है,
तेरी मुस्कान |
दिल की पीड़ा का हरण है,
तेरी मुस्कान |
मुश्किल दिनों का तारण है,
तेरी मुस्कान |
हताशा में आशा की किरण है,
तेरी मुस्कान |
बढ़ते कदमों की ताकत है,
तेरी मुस्कान |
मेरी सुबह का सूरज है,
तेरी मुस्कान ||
सितंबर 26, 2022
नौ देवियों के नाम और महिमा
हिमालय के घर की लक्ष्मी,
स्थिरता का आशीष देती,
शैलपुत्री माता की जय |
शिव के तप में तल्लीन,
श्रम का संदेश देती,
ब्रह्मचारिणी माता की जय |
अर्धचन्द्र भाल पर शोभित,
युद्ध को सदैव तत्पर,
चंद्रघंटा माता की जय |
मंद हास से ब्रह्माण्ड रचती,
रोग-शोक को दूर करती,
कूष्माण्डा माता की जय |
कार्तिकेय भगवान की जननी,
माँ की ममता का प्रतीक,
स्कंदमाता की जय |
महर्षि कात्यायन की पुत्री,
दैत्य महिषासुर मर्दिनी,
कात्यायनी माता की जय |
काली रात सा श्याम वर्ण,
शुभंकरी और चामुण्डा,
कालरात्रि माता की जय |
गौर वर्ण शिव अर्धांगिनी,
श्वेत वस्त्र सौम्य स्वरूप,
महागौरी माता की जय |
अष्ट सिद्धियाँ देने वाली,
महाशक्ति महादेवी,
सिद्धिदात्री माता की जय ||
अगस्त 03, 2022
लॉन बॉल्स में अप्रत्याशित स्वर्ण पदक पर बधाई
देवी का सा रूप है मेरा,
हूँ ना मैं अबला बेचारी,
अपने दम पर शिखर को चूमूँ,
मैं हूँ, आज की नारी ||
मई 08, 2022
माँ
माँ तो देखो माँ होती है,
बच्चों की दुनिया होती है,
खुदा की रहमत होती है,
धरती पर जन्नत होती है,
माँ तो देखो माँ होती है ||
फ़रवरी 06, 2022
स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर जी को श्रद्धांजलि
संगीत की लताओं पर सुरों का फ़ूल था खिला,
गूँजती मधुर ध्वनि में इक सुरीली कोकिला,
काल की कठोरता से फ़ूल धूल हो चला,
ज़िंदा है सुरों में अब भी वो स्वर कोकिला ||
जुलाई 29, 2021
मैरी कॉम
हार-जीत में क्या रखा जीवन के अंग हैं,
प्रेरक तेरा जीवन है, तेरे हर रंग हैं ||
ओलिंपिक पदक विजेता एम. सी. मैरी कॉम को समर्पित |
मार्च 08, 2021
आज की नारी
घर को सिर-माथे पर रखूँ,
ढोऊँ सारी ज़िम्मेदारी,
दफ़्तर भी अपने मैं जाऊँ,
बनकर मैं सबला नारी |
अपने माँ-बाबा को मैं हूँ,
जग में सबसे ज़्यादा प्यारी,
कष्टों को उनके हरने की,
करती हूँ पूरी तैयारी |
सुख-दुःख के अपने साथी पर,
दिल से जाऊँ मैं बलिहारी,
कंधे से कंधा मिलाकर,
चलती हमरी जीवनगाड़ी |
ओछी नज़रों से ना भागूँ,
चाहे बोले दुनिया सारी,
बन काली उसको संहारूँ,
वहशी विकृत व्यभिचारी |
अपनी मर्ज़ी से मैं जीऊँ,
सुख भोगूँ सारे संसारी,
मुझपर जो लगाम लगाए,
पड़ेगा, उसे बड़ा भारी |
देवी का सा रूप है मेरा,
हूँ ना मैं अबला बेचारी,
अपने दम पर शिखर को चूमूँ,
मैं हूँ, आज की नारी ||
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