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फ़रवरी 23, 2023
दिल
लंबे जीवन की ख़ातिर अपने दिल का ख्याल रखो,
दिल की सेहत की ख़ातिर दिलबर का ख्याल रखो ||
बेवजह
ना जीने की चाह है,
ना ज़िन्दों की परवाह है,
बस साँसें हैं, धड़कन है,
जीवन, बेवजह है ||
अश्क
अपने अश्कों को जानम,
तुम यूँ ही ना बहने दो,
ये अनमोल मोती हैं,
नयन सागर में रहने दो ||
सॉरी
हाँ मैं गलती करता हूँ,
तुमसे मैं अक्सर लड़ता हूँ,
पर क्या यह भी झूठ है,
तुमपे ही तो मैं मरता हूँ !!!
तेरी बाँहें
खिल रहे हों फूल जैसे इक उजड़ी सी बगिया में,
बरस पड़ा हो प्रताप जैसे इक सूखी सी नदिया पे,
टपक रहीं हों बूँदें जैसे शुष्क दरकती वसुधा पे,
पड़ रही हो छाया जैसे एक थके मुसाफिर पे,
अनुभव ऐसा होता मुझको तेरी बाँहों के घेरे में ||
उम्मीद
गलती मेरी थी जो मैंने तुझसे कुछ उम्मीद की,
उसको पूरा करने की तुझसे मैंने ताकीद की ||
तेरा आशिक हूँ
तेरा आशिक हूँ,
मैं तेरा साथ निभाऊंगा,
गर तू बसेगी काँटों में,
मैं भँवरा वहीं मंडराऊंगा ||
वो पहला पहला प्यार
वो पहला-पहला प्यार,
वो छुप-छुप के दीदार,
वो मन ही मन इकरार,
वो कहने के विचार,
वो सकुचाना हर बार,
फिर आजीवन इंतज़ार ||
फ़रवरी 03, 2023
तेरी मुस्कान
सहस्त्र पुष्पों से सुंदर है,
तेरी मुस्कान |
बरखा की बूंदों सी निर्मल है,
तेरी मुस्कान |
कभी संकट का बिगुल है,
तेरी मुस्कान |
कभी खुशियों की लहर है,
तेरी मुस्कान |
नन्हे बालक सी चंचल है,
तेरी मुस्कान |
दिल की पीड़ा का हरण है,
तेरी मुस्कान |
मुश्किल दिनों का तारण है,
तेरी मुस्कान |
हताशा में आशा की किरण है,
तेरी मुस्कान |
बढ़ते कदमों की ताकत है,
तेरी मुस्कान |
मेरी सुबह का सूरज है,
तेरी मुस्कान ||
फ़रवरी 01, 2023
नज़रें
लब चाहे कुछ भी ना बोलें,
नज़रें सबकुछ कह देती हैं,
दिल के राज़ भले ना खोलें,
आँखें दर्द बयाँ करती हैं ||
जनवरी 30, 2023
चाँद और रजनी की प्रेम कहानी
चाँद ने रजनी से कहा –
मैं उजला श्वेत सलोना सा,
तू काली स्याह कुरूपनी,
मैं प्रेम का रूपक हूँ,
तू अँधियारे की दासिनी,
अपनी कौमुदी को मैं तुझ,
तमस्विनी पर क्यों बरसाऊं?
मैं भोर के प्रेम में रत हूँ,
निशा को क्यों मैं अपनाऊं?
रजनी ने चंदा से कहा –
तू दिनकर की आभा से प्रोत,
दंभ से क्यों इतराता है?
तू बदलाव का रूपक है,
प्रभात को तू ना भाता है,
ऊषा को भास्कर का वर है,
मैं श्रापित तन्हा कलंकिनी,
अपनी कांति मुझपर बरसा,
मैं तेरे प्यार की प्यासिनी ||
नवंबर 03, 2022
माँ
आज मेरी माँ को गए हुए 10 साल हो गए | उनको अर्पित एक छोटी सी श्रद्धांजलि |
बरसों हो गए आँचल में तेरे सर को छुपाए ओ माँ,
पलकों पर मुझको, रखा हमेशा, तुझ जैसा कोई कहाँ,
जाने कहाँ गुम हो गई अचानक, सूना बिन तेरे जहाँ,
सपनों में अपने, ढूँढूं मैं तुझको, यादों में ज़िंदा तू माँ ||
सितंबर 19, 2022
तेरी आँखों का समंदर
तेरी आँखों के समंदर में डूब जाने को जी करता है,
तेरे नैनों के तीरों से मर जाने को जी करता है ||
सितंबर 16, 2022
रस्ते पर गिरा पेड़
वो सड़क जो दो दिलों को जोड़ती थी,
प्रेम की धरा पे जो दौड़ती थी,
आज दो भागों में वो बंट चुकी है,
मौजूद है वहीं मगर कट चुकी है,
अहं का वृक्ष मार्ग पर गिर चुका है,
भावों का आवागमन थम चुका है,
कोई इस तरु को राह से सरकाए,
दो दिलों की दूरियों को भर जाए ?
अगस्त 11, 2022
राखी
रेशम की डोर नहीं,
प्रेम का धागा है राखी,
कष्टों में भी साथ का,
आजीवन वादा है राखी ||
जुलाई 28, 2022
झूम के सावन आएगा
रूखा-सूखा हर तरुवर तब पत्तों से लहराएगा,
नभ से अमृत उतरेगा, जब झूम के सावन आएगा |
चंदा के दरस को, चकोर तरसाएगा,
अम्बर पर मेघ छाएंगें, जब झूम के सावन आएगा |
घटा घनी होगी, दिन में भी रवि छुप जाएगा,
इन्द्रधनुष भी दीखेगा, जब झूम के सावन आएगा |
झुलसाती तपन से तन को भी राहत पहुंचाएगा,
शीतल जल टपकेगा, जब झूम के सावन आएगा |
बहते अश्कों को भी बूँदों का पर्दा मिल जाएगा,
अकेला आशिक तरसेगा, जब झूम के सावन आएगा |
सड़कों पर चलेगी चादर, हर वाहन थम जाएगा,
कागज़ की कश्ती दौड़ेगी, जब झूम के सावन आएगा |
चाय की चुस्की के संग, पकोड़ा ललचाएगा,
भुट्टा भून के खाएंगें, जब झूम के सावन आएगा |
छाते की ओट में इक दिल दूजे से टकराएगा,
प्रेम का झरना बरसेगा, जब झूम के सावन आएगा |
सावन के गीतों संग दिल भी बाग़-बाग़ हो जाएगा,
तीज-त्यौहार मनाएंगें, जब झूम के सावन आएगा ||
जून 27, 2022
बरसात की इक रात
बरसात की इस रात में हम आपका इंतज़ार करते हैं,
आपकी याद में दोस्तों से तकरार करते हैं,
तुम हमारी थी, हमारी हो, हमारी ही रहोगी,
पर हमें पता है, यह तुम कभी ना कहोगी,
इस दर्द भरी दुनिया में तुम्हारा साथ चाहते हैं,
पर ज़रूरत पड़ने पर खुद को अकेला ही पाते हैं,
दिल चीर के देख लो तुम्हारा नाम लिखा है,
प्यार क्या होता है तुमसे ही सीखा है,
हमारे दिल का हाल तुम नहीं जानती हो,
हमें सिर्फ़ हमारे चेहरे से पहचानती हो,
बरसात की इस रात में आज हम इकरार करते हैं,
हम कबूलते हैं कि हम तुमसे प्यार करते हैं,
हम कबूलते हैं कि हम तुमसे प्यार करते हैं ||
फ़रवरी 14, 2022
खिल रहे हैं फूल
खिल रहे हों फूल जैसे इक उजड़ी सी बगिया में,
बरस पड़ा हो प्रताप जैसे इक सूखी सी नदिया पे,
टपक रहीं हों बूँदें जैसे शुष्क दरकती वसुधा पे,
पड़ रही हो छाया जैसे एक थके मुसाफिर पे,
अनुभव ऐसा होता मुझको तेरी बाँहों के घेरे में ||
दिसंबर 27, 2021
पहला प्यार
वो पहला-पहला प्यार,
वो छुप-छुप के दीदार,
वो मन ही मन इकरार,
वो कहने के विचार,
वो सकुचाना हर बार,
फिर आजीवन इंतज़ार ||
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