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जनवरी 24, 2024
अक्टूबर 11, 2022
जय महाकाल
हाथ में डमरू कंठ भुजंग, अर्धचंद्र बिराजे भाल,
जय शिव-शम्भू जय महेश, जय जय जय श्री महाकाल ||
सितंबर 26, 2022
नौ देवियों के नाम और महिमा
हिमालय के घर की लक्ष्मी,
स्थिरता का आशीष देती,
शैलपुत्री माता की जय |
शिव के तप में तल्लीन,
श्रम का संदेश देती,
ब्रह्मचारिणी माता की जय |
अर्धचन्द्र भाल पर शोभित,
युद्ध को सदैव तत्पर,
चंद्रघंटा माता की जय |
मंद हास से ब्रह्माण्ड रचती,
रोग-शोक को दूर करती,
कूष्माण्डा माता की जय |
कार्तिकेय भगवान की जननी,
माँ की ममता का प्रतीक,
स्कंदमाता की जय |
महर्षि कात्यायन की पुत्री,
दैत्य महिषासुर मर्दिनी,
कात्यायनी माता की जय |
काली रात सा श्याम वर्ण,
शुभंकरी और चामुण्डा,
कालरात्रि माता की जय |
गौर वर्ण शिव अर्धांगिनी,
श्वेत वस्त्र सौम्य स्वरूप,
महागौरी माता की जय |
अष्ट सिद्धियाँ देने वाली,
महाशक्ति महादेवी,
सिद्धिदात्री माता की जय ||
अगस्त 30, 2022
सुख करता, दुखहर्ता का हिंदी अनुवाद
सुख दाता दुःख हरता विघ्न विनाशक,
कृपासागर रिद्धि-सिद्धिदायक,
सर्वांगीण सुंदर केसरिया विनायक,
कंठ मोतियन की माला धारक,
जय देव, जय देव,
जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,
जय मंगल मूरत,
दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |
जय देव, जय देव ||
रत्नजड़ित मुकुट प्रभु चढ़ाऊं,
चन्दन कुमकुम केसर टीका लगाऊं,
हीरों का मुकुट शोभा बढ़ाए,
पायल की रुनझुन मन को सुहाए,
जय देव, जय देव,
जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,
जय मंगल मूरत,
दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |
जय देव, जय देव ||
लंबोदर पीतांबर कष्ट निवारक,
वक्रतुंड त्रिनेत्र धारक,
दास के सदन में प्रभु पधारो,
रक्षा करो भक्त वंदन करें सब संकट निवारो,
जय देव, जय देव,
जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,
जय मंगल मूरत,
दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |
जय देव, जय देव ||
जुलाई 23, 2022
बूँदें
आसमान से गिरती हैं नन्ही-नन्ही बूँदें,
पथरीले धरातल पर जाने किसको ढूँढें,
बूँद-बूँद धारा बनकर भूमि को सींचें,
नभ पर मोहक रंगों से चित्र मनोहर खींचें,
पत्तों से शाखाओं से मारुत में झूलें,
रूखी-सूखी धरती से दरारों को लीलें,
उदासीन उष्मा को परिवेश से मिटाएं,
उत्सव और त्योहारों का स्वागतगीत सुनाएं ||
मई 17, 2022
बाबा फ़िर आएंगें
जिनका ना कोई आदि है, ना ही कोई अंत है, ऐसे शाश्वत शिव का कोई क्या बिगाड़ सकता है |
डमरू व त्रिशूलधारी,
महाकाल त्रिपुरारी,
भक्तों का उद्धार करने,
नंदी का एकांत हरने,
बाबा फ़िर आएंगें |||
अप्रैल 16, 2022
राम गुण
जब जननी ने श्रीराम को वन-गमन का आदेश दिया,
माता की आज्ञा को प्रभु ने सहर्ष शिरोधार्य किया,
विपदा में भी मर्यादा में रहकर ही व्यवहार किया,
संकट में धीरज रखने का हम सबको आदर्श दिया ||
मार्च 01, 2022
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं
आज महाशिवरात्रि पर मेरी भोले बाबा से प्रार्थना है के यूरोप में चल रहे संग्राम पर विराम लगे और विश्व में शांति बहाल हो |
सत्य की जीत हो, असत्य की हार हो,
शिव से ही प्रारंभ है, शिव ही से विनाश हो,
भोले के ही चरणों में झुका संसार हो,
दुष्टों का अंत हो, अमन का आगाज़ हो ||
दिसंबर 13, 2021
हर-हर महादेव
हर-हर करता हर एक जन पहुँच रहा अब हर के धाम,
हर हैं भोले हर ही भैरव, हर ही हैं करुणा के धाम ||
नवंबर 04, 2021
शुभ दीपावली
संत कवि श्रीतुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस से प्रेरित दीपावली के संदर्भ में मेरी चंद पंक्तियाँ -
भ्रमित भटकता हूँ मैं बालक |
तुम ही हो जगत के पालक ||
नीच कुटिल है मेरी संगत |
माँगू राम नाम की रंगत ||
राम बनो मेरे खेवैया |
भवसागर तर जाए नैया ||
दीपक घृत के दिल में जलाऊं |
हृदय में श्रीहरि को मैं बसाऊं ||
अक्टूबर 28, 2021
प्रकाश का महत्व
ना सतरंगी छटा होती श्याम ही श्याम नज़र आता,
ना जीवन होता धरती पर ना नभ को रवि सजाता,
ना शबनम की बूँदें होतीं ना बादल बारिश बरसाता,
ना जीव-जंतु-कीट होते ना पवन में तरुवर लहराता,
ना कलकल बहती धारा में जीवन कभी पनप पाता,
गर रचनाकर की रचना में प्रकाश स्थान नहीं पाता ||
अक्टूबर 15, 2021
मेरे राम, मेरे राम
अंत समय में रावण ने श्रीराम से कहा -
मेरे राम, मेरे राम
तू स्वामी मैं जंतु आम,
मेरे राम, मेरे राम
तू ज्ञानी मैं मूरख अनजान,
मेरे राम, मेरे राम
याचक को दे क्षमादान,
मेरे राम, मेरे राम
ले चल अब तेरे धाम,
मेरे राम, मेरे राम ||
अगस्त 30, 2021
हे कृष्ण !
युद्धभूमि में शोकाकुल अपने पार्थ को तूने ज्ञान दिया,
विष से व्याकुल जमुना को तूने ही तो विष से पार किया,
दो मुठ्ठी चावल से अपने सखा का भी उद्धार किया,
छोटी सी उंगली पर तूने पर्वत को जैसे थाम लिया,
मेरे जीवन की कश्ती को ऊँची लहरों में थाम ले,
बनजा मेरा खेवैया, अपने चरणों में मुझको स्थान दे ||
अगस्त 22, 2021
बदलाव की आहट
हवाओं का रुख कुछ बदला-बदला सा है,
अमावस का चाँद भी उजला-उजला सा है,
संगमरमर की चट्टानों ने भी आज भरी है साँस,
दुनिया बनाने वाले का मिज़ाज कुछ बदला-बदला सा है ||
अप्रैल 02, 2021
भगवान ! कहाँ है तू?
जब निहत्थे निरपराधों को सूली पे चढ़ाया जाता है,
जब सरहद पर जवानों का रुधिर बहाया जाता है,
जब धन की ख़ातिर अपने ही बंगले को जलाया जाता है,
जब तन की ख़ातिर औरत को नज़रों में गिराया जाता है,
जब नन्हे-नन्हे बच्चों को भूखे ही सुलाया जाता है,
जब पत्थर की तेरी मूरत पर कंचन को लुटाया जाता है,
जब सच के राही को हरदम बेहद सताया जाता है,
जब गौ के पावन दूध में पानी को मिलाया जाता है,
जब तेरे नाम पर अक्सर पाखण्ड फैलाया जाता है,
जब तेरे नाम पर हिंदू-मुस्लिम को लड़ाया जाता है,
तब-तब मेरे दिल में बस एक ख्याल आता है,
तू सच में है भी या बस किस्सों में ही बताया जाता है ||
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