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अगस्त 23, 2023

चंद्रयान 3 की कामयाबी

हिंदी कविता Hindi Kavita चंद्रयान 3 की कामयाबी Chandrayaan 3 ki Kaamyabi

रोशन ये रात है,


अँधेरा गुमशुदा है,


भारत की प्रगति का सूर्य


चाँद पर जो उगा है ||

जून 08, 2023

यकीन

हिंदी कविता Hindi Kavita यकीन Yakeen

ज़िंदगी के अफ़साने में राहों की कमी नहीं,


इक कदम यकीन से ज़रा उठा के देखिए ||

अगस्त 13, 2022

ऐ वतन, तेरे लिए

हिंदी कविता Hindi Kavita ऐ वतन तेरे लिए Ae watan tere liye

मस्तक की बूंदों से मैंने,


सींची है तेरी ज़मीन,


मस्तक की सारी बूँदें हैं,


ऐ वतन, तेरे लिए |



लहू की बूंदों से मैंने,


खींची है तेरी सरहद,


रक्त का अंतिम कतरा भी,


ऐ वतन, तेरे लिए |



माथे की लाली को मैंने,


किया तुझपर कुर्बान,


कोख का बालक भी मेरा,


ऐ वतन, तेरे लिए |



वक्त के लम्हों को मैंने,


तेरी सेवा में बिताया,


हर पल हर श्वास मेरी,


ऐ वतन, तेरे लिए ||


अगस्त 03, 2022

लॉन बॉल्स में अप्रत्याशित स्वर्ण पदक पर बधाई

हिंदी कविता Hindi Kavita लॉन बॉल्स में अप्रत्याशित स्वर्ण पदक पर बधाई Lawn Bowls mein apratyaashit swarn padak par badhai


देवी का सा रूप है मेरा,


हूँ ना मैं अबला बेचारी,


अपने दम पर शिखर को चूमूँ,


मैं हूँ, आज की नारी ||

जुलाई 31, 2022

भारतीय खिलाड़ियों को CWG 2022 के लिए शुभकामनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita भारतीय खिलाड़ियों को CWG 2022 के लिए शुभकामनाएं Best wishes to Indian players for CWG 2022


राष्ट्रमंडल खेलों में पुनः परचम लहराएगा,


काँसे का चाँदी का, सोने का तमगा आएगा ||

जनवरी 26, 2022

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

हिंदी कविता Hindi Kavita गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं Gantantra Diwas ki Shubhkaamnaayein

भारत एक गणतंत्र है - जनता का तंत्र | भारत की जनता अपना घर हो या देश, दोनों को चलाने में सक्षम है | बाहरी सहायता की आवश्यकता नहीं है |



चाहे उत्सव हो, उल्लास हो,


या संकट का आभास हो,


चाहे दो-चार ही जन हों,


या सवा सौ करोड़ श्वास हो,


मंज़र जैसा भी हो चाहे,


हम जी लेंगे, हम कर लेंगे,


भारत पर जो आँख उठाए,


हम स्वत: ही निपट लेंगे,


हम सक्षम हैं ||

जनवरी 23, 2022

जब डर, मर जाता है

हिंदी कविता Hindi Kavita जब डर, मर जाता है Jab darr mar jaata hai

हर बाधा मिट जाती है,


राह से रोड़ा हट जाता है,


दृष्टि स्पष्ट हो जाती है,


गंतव्य भी दिख जाता है,


जब डर, मर जाता है |



मतिभ्रम मिट जाता है,


मन को सुकून आता है,


खुद पर यकीन आता है,


नत सर भी उठ जाता है,


जब डर, मर जाता है |



निर्बल बली हो जाता है,


जो चाहे वो कर जाता है,


गम भी सारे मिट जाते हैं,


जीवन में रंग भर आता है,


जब डर, मर जाता है ||

दिसंबर 05, 2021

अक्टूबर 31, 2021

सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धासुमन

हिंदी कविता Hindi Kavita सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धासुमन Sardar Patel ki Jayanti par Shradhasuman

तिनकों को समेट कर इक धागे में पिरोया था,


टुकड़ों को बटोर कर इक राष्ट्र को संजोया था,


नमन है भारतमाता के उस वीर पुत्र को,


नींव में जिसने एकता का इक बीज बोया था ||

अक्टूबर 02, 2021

गाँधीजी एवं शास्त्रीजी की स्मृति में श्रद्धासुमन

हिंदी कविता Hindi Kavita गाँधीजी एवं शास्त्रीजी की स्मृति में श्रद्धासुमन Gandhiji evam Shastriji kee smriti mein Shradhasuman

ओ मेरे मोहन के दास,


सम्पूर्ण भारत की आस,


करता हूँ तुझसे अरदास,


फ़िर से आजा अब तू पास,


सिखला दे पुन: इक बार,


सत्य और अहिंसा है खास,


थाम के लकड़ी का वह बाँस,


जगा फ़िर जग में विश्वास |



ओ मेरे भारत के लाल,


तू तो था बहादुर कमाल,


नित्य तैरा सरिता विशाल,


शिक्षा में निष्ठा की मिसाल,


सिखला दे पुन: इक बार,


कृषक और सैनिक हैं ढाल,


तन पर सादी खादी डाल,


फ़िर कर राष्ट्र का ऊँचा भाल ||

सितंबर 05, 2021

पैरालंपिक्स के वीर

हिंदी कविता Hindi Kavita पैरालंपिक्स के वीर Paralympics ke Veer

भारतीय पैरालंपिक वीरों को अभूतपूर्व प्रदर्शन पर ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं |



एक-आध तमगे नहीं, जीते पदक आदतन,

अविश्वसनीय अकल्पनीय अद्वितीय आरोहण ||

अगस्त 08, 2021

मिल्खा सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि

हिंदी कविता Hindi Kavita मिल्खा सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि Milkha Singh ko sacchi Shradhanjali

मिल्खा सिंह जी को कल गए हुए पूरे पचास दिन हो गए | नीरज चोपड़ा ने कल उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी, उनका स्वप्न पूरा करके | नीरज की उपलब्धि एवं मिल्खा जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कुछ पंक्तियाँ -


कमल (नीरज) खिला है आज ओलिंपिक के मैदान में,


मिल्खा झूम रहे होंगे उस पार उस जहान में ||



काश मिल्खा कुछ दिन और जी लेते,


जीते जी अपने सपने को जी लेते ||

अगस्त 05, 2021

हॉकी में पदक पर बधाई

हिंदी कविता Hindi Kavita हॉकी में पदक पर बधाई Hockey mein padak par badhai

बहुत दिनों बाद ऐसी सुबह आई है,


ना रंज है, ना गम है, ना रुसवाई है,


जीत की कहानी हमने दोहराई है,


कांस्य पदक पर पूरे राष्ट्र को बधाई है ||

जुलाई 29, 2021

मैरी कॉम

हिंदी कविता Hindi Kavita मैरी कॉम Mary Kom

पराजित होने पर भी ऐसी मुस्कान कभी देखी है ?

हार-जीत में क्या रखा जीवन के अंग हैं,

प्रेरक तेरा जीवन है, तेरे हर रंग हैं ||



ओलिंपिक पदक विजेता एम. सी. मैरी कॉम को समर्पित |

अक्टूबर 03, 2020

2 अक्टूबर

हिंदी कविता Hindi Kavita 2 अक्टूबर 2 October

जिसने दी संसार को,


सत-अहिंसा की सीख थी,


जिसकी दृष्टि में किसान की,


अहमियत जवान सरीख थी |



ऐसे महापुरुषों के उद्गम,


की साक्षी यह तारीख है,


निंदा की निरर्थकता का,


प्रमाण हर तारीफ़ है ||

अगस्त 15, 2020

आओ करें हम याद उन्हें

हिंदी कविता Hindi Kavita आओ करें हम याद उन्हें Aao karein hum yaad Unhein

श्रावण के महीने में इक दिन,


बही थी आज़ादी की बयार,


कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को,


बरसी स्वतंत्रता की फुहार |



रवि खिला था रैन घनी में,


दशकों के श्रम का परिणाम,


आओ करें हम याद उन्हें जो,


भेंट चढ़े थे राष्ट्र के नाम ||

जुलाई 26, 2020

कारगिल

हिंदी कविता Hindi Kavita कारगिल Kargil

जल-मरु-गिरी पृथ्वी-आकाश,


कहीं से आए शत्रु चालाक,


भारत के वीरों के आगे,


सफल न होंगे इरादे ना-पाक ||

जनवरी 26, 2020

गणतंत्र दिवस परेड

हिंदी कविता Hindi Kavita गणतंत्र दिवस परेड Republic Day Parade

राजभवन से चला काफ़िला,


जनप्रतिनिधियों को लेकर,


चला वहाँ जहाँ जलती है,


अजर अमर नित्य एक ज्वाला,


जहाँ जीवंत हो उठती है,


वीरों की अगणित गाथा |



शीश झुकाकर किया नमन,


याद किया कुर्बानियों को,


माताओं के बलिदानों को,


यतीमों के रुदानों को,


रणबाँकुरे सेनानियों की स्मृति में,


झुक गया हर शीश हर माथा |



देखो फहराया गया तिरंगा,


गूँज उठा है राष्ट्रगान,


खड़े हुए हैं चहुँ ओर दर्शक,


देने तिरंगे को सम्मान,


गूँज उठी हैं 21 तोपें,


जैसे सिंह वन में गर्जाता |



हुआ शूरवीरों का सम्मान,


कईयों का जीते-जी कुछ का मरणोपरांत,


पर जीवित रहता है इनसे ही,


हम देशवासियों का अभिमान,


जीवित रहेंगे ये वीर भी तब तक,


जब तक इनकी वीरगाथा जन-जन है सुनाता |



देखो देखो सेना आई,


सैन्यशक्ति पथ पर दर्शायी,


थल-जल-वायु का यह मेला,


जन-जन का वक्ष गर्व से सुजाता,


पर चार चाँद लगाने इस दल को,


देखो ऊंटों का दस्ता आता |



सजी झांकियां सजे बहु जन हैं,


हुआ इनपर व्यय बहु धन है,


फिर भी लूटा इनने सबका मन है,


शोभायमान इन झांकियों से,


राजपथ पर बस इक दिन,


संपूर्ण भारतवर्ष है छा जाता |



देखो वीर बालक आए,


गजराज पथ पर हैं छाए,


कुछ साहसी मानवों ने,


मोटर-साइकिल पर करतब दिखाए,


गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर,


गौरवान्वित होती भारतमाता ||

राम आए हैं