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सितंबर 14, 2021
सितंबर 12, 2021
काश! तितली बन जाऊँ !
नन्हे-नन्हे पर हों मेरे,
फूलों पर मैं मंडराऊँ,
रंगों का पर्याय बनूँ मैं,
कीट कभी ना कहलाऊँ,
सोचा करता हूँ अक्सर मैं,
काश! तितली बन जाऊँ !
जनम भले ही जैसा भी हो,
गाथा अपनी खुद लिख पाऊँ,
पिंजरे को तोड़ मैं इक दिन,
पंख फैला कर उड़ जाऊँ,
सोचा करता हूँ अक्सर मैं,
काश! तितली बन जाऊँ !
अंधड़ में बहकर भी मैं बस,
सुंदरता ही फैलाऊँ,
दो क्षण ही अस्तित्व अगर हो,
जीवनभर बस मुस्काऊँ,
सोचा करता हूँ अक्सर मैं,
काश! तितली बन जाऊँ !!
सितंबर 05, 2021
पैरालंपिक्स के वीर
भारतीय पैरालंपिक वीरों को अभूतपूर्व प्रदर्शन पर ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं |
एक-आध तमगे नहीं, जीते पदक आदतन,
अविश्वसनीय अकल्पनीय अद्वितीय आरोहण ||
अगस्त 30, 2021
हे कृष्ण !
युद्धभूमि में शोकाकुल अपने पार्थ को तूने ज्ञान दिया,
विष से व्याकुल जमुना को तूने ही तो विष से पार किया,
दो मुठ्ठी चावल से अपने सखा का भी उद्धार किया,
छोटी सी उंगली पर तूने पर्वत को जैसे थाम लिया,
मेरे जीवन की कश्ती को ऊँची लहरों में थाम ले,
बनजा मेरा खेवैया, अपने चरणों में मुझको स्थान दे ||
अगस्त 22, 2021
बदलाव की आहट
हवाओं का रुख कुछ बदला-बदला सा है,
अमावस का चाँद भी उजला-उजला सा है,
संगमरमर की चट्टानों ने भी आज भरी है साँस,
दुनिया बनाने वाले का मिज़ाज कुछ बदला-बदला सा है ||
अगस्त 14, 2021
मेरे अश्क
मैं बरखा में निकलता हूँ, मन का सुकून पाने को,
अपने अश्कों को बारिश की, बूँदों में छिपाने को ||
अगस्त 08, 2021
मिल्खा सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि
मिल्खा सिंह जी को कल गए हुए पूरे पचास दिन हो गए | नीरज चोपड़ा ने कल उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी, उनका स्वप्न पूरा करके | नीरज की उपलब्धि एवं मिल्खा जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कुछ पंक्तियाँ -
कमल (नीरज) खिला है आज ओलिंपिक के मैदान में,
मिल्खा झूम रहे होंगे उस पार उस जहान में ||
काश मिल्खा कुछ दिन और जी लेते,
जीते जी अपने सपने को जी लेते ||
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