नवंबर 09, 2021

हमने एक बीज बोया था

हिंदी कविता Hindi Kavita हमने एक बीज बोया था Humne ek beej boya tha

सूखे निर्जल मरुस्थल में,


मृगतृष्णा के भरम में,


सर्वस्व जब खोया था,


हमने एक बीज बोया था |



जब सपना अपना टूटा था,


अनपेक्षित अंकुर फूटा था,


श्रम से उसको संजोया था,


हमने एक बीज बोया था |



आज मरु पर उपवन छाया है,


जो चाहा था वह पाया है,


फलों से नत लहराया है,


हमने जो बीज बोया था ||

नवंबर 04, 2021

शुभ दीपावली

हिंदी कविता Hindi Kavita शुभ दीपावली Shubh Deepawali

संत कवि श्रीतुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस से प्रेरित दीपावली के संदर्भ में मेरी चंद पंक्तियाँ -



भ्रमित भटकता हूँ मैं बालक |

तुम ही हो जगत के पालक ||


नीच कुटिल है मेरी संगत |

माँगू राम नाम की रंगत ||


राम बनो मेरे खेवैया |

भवसागर तर जाए नैया ||


दीपक घृत के दिल में जलाऊं |

हृदय में श्रीहरि को मैं बसाऊं ||

अक्टूबर 31, 2021

सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धासुमन

हिंदी कविता Hindi Kavita सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धासुमन Sardar Patel ki Jayanti par Shradhasuman

तिनकों को समेट कर इक धागे में पिरोया था,


टुकड़ों को बटोर कर इक राष्ट्र को संजोया था,


नमन है भारतमाता के उस वीर पुत्र को,


नींव में जिसने एकता का इक बीज बोया था ||

अक्टूबर 28, 2021

प्रकाश का महत्व

हिंदी कविता Hindi Kavita प्रकाश का महत्व Prakash ka mahtva

ना सतरंगी छटा होती श्याम ही श्याम नज़र आता,


ना जीवन होता धरती पर ना नभ को रवि सजाता,


ना शबनम की बूँदें होतीं ना बादल बारिश बरसाता,


ना जीव-जंतु-कीट होते ना पवन में तरुवर लहराता,


ना कलकल बहती धारा में जीवन कभी पनप पाता,


गर रचनाकर की रचना में प्रकाश स्थान नहीं पाता ||

अक्टूबर 19, 2021

मंज़िल की राहें

हिंदी कविता Hindi Kavita मंज़िल की राहें Manzil ki raahein

जो मार्ग मैंने अपनाया,


जिन काँटों पर मैं चल आया,


यदि उस रस्ते ना जाकर,


पृथक पथ को मैं अपनाता,


बाधाओं से दूरी रखकर,


फूलों पर पग भरता जाता,


क्या उन राहों पर चलकर मैं,


गंतव्य तक पहुँच पाता?

अक्टूबर 15, 2021

मेरे राम, मेरे राम

हिंदी कविता Hindi Kavita मेरे राम मेरे राम Mere Ram Mere Ram

अंत समय में रावण ने श्रीराम से कहा -



मेरे राम, मेरे राम


तू स्वामी मैं जंतु आम,


मेरे राम, मेरे राम


तू ज्ञानी मैं मूरख अनजान,


मेरे राम, मेरे राम


याचक को दे क्षमादान,


मेरे राम, मेरे राम


ले चल अब तेरे धाम,


मेरे राम, मेरे राम ||

अक्टूबर 02, 2021

गाँधीजी एवं शास्त्रीजी की स्मृति में श्रद्धासुमन

हिंदी कविता Hindi Kavita गाँधीजी एवं शास्त्रीजी की स्मृति में श्रद्धासुमन Gandhiji evam Shastriji kee smriti mein Shradhasuman

ओ मेरे मोहन के दास,


सम्पूर्ण भारत की आस,


करता हूँ तुझसे अरदास,


फ़िर से आजा अब तू पास,


सिखला दे पुन: इक बार,


सत्य और अहिंसा है खास,


थाम के लकड़ी का वह बाँस,


जगा फ़िर जग में विश्वास |



ओ मेरे भारत के लाल,


तू तो था बहादुर कमाल,


नित्य तैरा सरिता विशाल,


शिक्षा में निष्ठा की मिसाल,


सिखला दे पुन: इक बार,


कृषक और सैनिक हैं ढाल,


तन पर सादी खादी डाल,


फ़िर कर राष्ट्र का ऊँचा भाल ||

राम आए हैं