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दिसंबर 13, 2021
दिसंबर 05, 2021
विजयपथ
काँटों के बगैर कोई बागान नहीं होता,
जीत का रस्ता कभी आसान नहीं होता ||
नवंबर 09, 2021
हमने एक बीज बोया था
सूखे निर्जल मरुस्थल में,
मृगतृष्णा के भरम में,
सर्वस्व जब खोया था,
हमने एक बीज बोया था |
जब सपना अपना टूटा था,
अनपेक्षित अंकुर फूटा था,
श्रम से उसको संजोया था,
हमने एक बीज बोया था |
आज मरु पर उपवन छाया है,
जो चाहा था वह पाया है,
फलों से नत लहराया है,
हमने जो बीज बोया था ||
नवंबर 04, 2021
शुभ दीपावली
संत कवि श्रीतुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस से प्रेरित दीपावली के संदर्भ में मेरी चंद पंक्तियाँ -
भ्रमित भटकता हूँ मैं बालक |
तुम ही हो जगत के पालक ||
नीच कुटिल है मेरी संगत |
माँगू राम नाम की रंगत ||
राम बनो मेरे खेवैया |
भवसागर तर जाए नैया ||
दीपक घृत के दिल में जलाऊं |
हृदय में श्रीहरि को मैं बसाऊं ||
अक्टूबर 31, 2021
सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धासुमन
तिनकों को समेट कर इक धागे में पिरोया था,
टुकड़ों को बटोर कर इक राष्ट्र को संजोया था,
नमन है भारतमाता के उस वीर पुत्र को,
नींव में जिसने एकता का इक बीज बोया था ||
अक्टूबर 28, 2021
प्रकाश का महत्व
ना सतरंगी छटा होती श्याम ही श्याम नज़र आता,
ना जीवन होता धरती पर ना नभ को रवि सजाता,
ना शबनम की बूँदें होतीं ना बादल बारिश बरसाता,
ना जीव-जंतु-कीट होते ना पवन में तरुवर लहराता,
ना कलकल बहती धारा में जीवन कभी पनप पाता,
गर रचनाकर की रचना में प्रकाश स्थान नहीं पाता ||
अक्टूबर 19, 2021
मंज़िल की राहें
जो मार्ग मैंने अपनाया,
जिन काँटों पर मैं चल आया,
यदि उस रस्ते ना जाकर,
पृथक पथ को मैं अपनाता,
बाधाओं से दूरी रखकर,
फूलों पर पग भरता जाता,
क्या उन राहों पर चलकर मैं,
गंतव्य तक पहुँच पाता?
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