Mann Ke Bhaav offers a vast collection of Hindi Kavitayen. Read Kavita on Nature, sports, motivation, and more. Our हिंदी कविताएं, Poem, and Shayari are available online!
जुलाई 23, 2022
जुलाई 16, 2022
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
सुख की अनुभूति,
या दुःख का अनुभव,
अंधियारी रात,
या मधुरम कलरव,
सपनों की दुनिया,
या व्याकुल वास्तव,
जीवंत शरीर,
या निर्जीव शव ||
जून 29, 2022
उदयपुर के कन्हैयालाल जी को श्रद्धांजलि
क्या सिर्फ़ फाँसी पर्याप्त है ?
मौत की सज़ा भी इस आतंक पे काफ़ी नहीं,
हो ऐसा इंसाफ जो मिसाल बनना चाहिए ||
जून 27, 2022
बरसात की इक रात
बरसात की इस रात में हम आपका इंतज़ार करते हैं,
आपकी याद में दोस्तों से तकरार करते हैं,
तुम हमारी थी, हमारी हो, हमारी ही रहोगी,
पर हमें पता है, यह तुम कभी ना कहोगी,
इस दर्द भरी दुनिया में तुम्हारा साथ चाहते हैं,
पर ज़रूरत पड़ने पर खुद को अकेला ही पाते हैं,
दिल चीर के देख लो तुम्हारा नाम लिखा है,
प्यार क्या होता है तुमसे ही सीखा है,
हमारे दिल का हाल तुम नहीं जानती हो,
हमें सिर्फ़ हमारे चेहरे से पहचानती हो,
बरसात की इस रात में आज हम इकरार करते हैं,
हम कबूलते हैं कि हम तुमसे प्यार करते हैं,
हम कबूलते हैं कि हम तुमसे प्यार करते हैं ||
जून 21, 2022
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
स्वस्थ तन निर्मल मन दूर रखते सारे रोग,
आओ मिलकर अपनाएं जीवन में अपने योग ||
जून 19, 2022
ये साली ज़िंदगी !
अथाह अगाध सागर जैसी,
है ये साली ज़िंदगी !
पहला जनम दूजा तट मृत्यु,
यात्रा भारी ज़िंदगी !
ज़िन्दों का उपहास करती,
है ये साली ज़िंदगी !
कष्टों के लवण से परिपूर्ण,
जलधि खारी ज़िंदगी !
बूँदों में सुख को टपकाती,
है ये साली ज़िंदगी !
निकट पहुँचते ही उड़ जाती,
बूँदें, सारी ज़िंदगी !
जून 10, 2022
कुहासा
कोहरे की मोटी चादर में,
दुबका-सिमटा सारा परिवेश,
ना गोचर है मार्ग-मंज़िल,
बस तृष्णा ही बाकी है शेष |
भरता हूँ डग अटकल करते,
पथ पर कंटक-कंकड़ या घास ?
मन में है भटकाव का भय,
और धुंध के छँटने की आस |
भाग्य रवि फ़िर दमकेगा,
ओझल फ़िर होगा कुहासा,
तब तक बढ़ता धीरे-धीरे,
जीवनपथ पर मैं तन्हा सा ||
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