Mann Ke Bhaav offers a vast collection of Hindi Kavitayen. Read Kavita on Nature, sports, motivation, and more. Our हिंदी कविताएं, Poem, and Shayari are available online!
अक्टूबर 24, 2022
अक्टूबर 11, 2022
जय महाकाल
हाथ में डमरू कंठ भुजंग, अर्धचंद्र बिराजे भाल,
जय शिव-शम्भू जय महेश, जय जय जय श्री महाकाल ||
अक्टूबर 05, 2022
आओ दशहरा मनाएं
कागज़ का पुतला जलाकर,
सदियों की प्रथा निभाकर,
उत्सव हमने मनाया |
भीतर का रावण जलाकर,
राम की सीखें अपनाकर,
आओ दशहरा मनाएं ||
सितंबर 26, 2022
नौ देवियों के नाम और महिमा
हिमालय के घर की लक्ष्मी,
स्थिरता का आशीष देती,
शैलपुत्री माता की जय |
शिव के तप में तल्लीन,
श्रम का संदेश देती,
ब्रह्मचारिणी माता की जय |
अर्धचन्द्र भाल पर शोभित,
युद्ध को सदैव तत्पर,
चंद्रघंटा माता की जय |
मंद हास से ब्रह्माण्ड रचती,
रोग-शोक को दूर करती,
कूष्माण्डा माता की जय |
कार्तिकेय भगवान की जननी,
माँ की ममता का प्रतीक,
स्कंदमाता की जय |
महर्षि कात्यायन की पुत्री,
दैत्य महिषासुर मर्दिनी,
कात्यायनी माता की जय |
काली रात सा श्याम वर्ण,
शुभंकरी और चामुण्डा,
कालरात्रि माता की जय |
गौर वर्ण शिव अर्धांगिनी,
श्वेत वस्त्र सौम्य स्वरूप,
महागौरी माता की जय |
अष्ट सिद्धियाँ देने वाली,
महाशक्ति महादेवी,
सिद्धिदात्री माता की जय ||
सितंबर 19, 2022
तेरी आँखों का समंदर
तेरी आँखों के समंदर में डूब जाने को जी करता है,
तेरे नैनों के तीरों से मर जाने को जी करता है ||
सितंबर 16, 2022
रस्ते पर गिरा पेड़
वो सड़क जो दो दिलों को जोड़ती थी,
प्रेम की धरा पे जो दौड़ती थी,
आज दो भागों में वो बंट चुकी है,
मौजूद है वहीं मगर कट चुकी है,
अहं का वृक्ष मार्ग पर गिर चुका है,
भावों का आवागमन थम चुका है,
कोई इस तरु को राह से सरकाए,
दो दिलों की दूरियों को भर जाए ?
अगस्त 30, 2022
सुख करता, दुखहर्ता का हिंदी अनुवाद
सुख दाता दुःख हरता विघ्न विनाशक,
कृपासागर रिद्धि-सिद्धिदायक,
सर्वांगीण सुंदर केसरिया विनायक,
कंठ मोतियन की माला धारक,
जय देव, जय देव,
जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,
जय मंगल मूरत,
दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |
जय देव, जय देव ||
रत्नजड़ित मुकुट प्रभु चढ़ाऊं,
चन्दन कुमकुम केसर टीका लगाऊं,
हीरों का मुकुट शोभा बढ़ाए,
पायल की रुनझुन मन को सुहाए,
जय देव, जय देव,
जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,
जय मंगल मूरत,
दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |
जय देव, जय देव ||
लंबोदर पीतांबर कष्ट निवारक,
वक्रतुंड त्रिनेत्र धारक,
दास के सदन में प्रभु पधारो,
रक्षा करो भक्त वंदन करें सब संकट निवारो,
जय देव, जय देव,
जय देव, जय देव जय मंगल मूरत,
जय मंगल मूरत,
दर्शन मात्र से मनोकामना पूरक |
जय देव, जय देव ||
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